budget 2016 - 2017 in hindi
संसद में प्रस्तुत किए गए बजट 2017 के मुख्य बिंदु:
यूनियन बजट 2017: कर
(1).वे लोग जो एक वर्ष में 5 लाख से कम कमाते हैं, उनके लिए एक पेज का IT रिटर्न फ़ॉर्म जारी किया जाएगा।
(2).रूपए 2.5 से 5 लाख की सीमा के अतिरिक्त अन्य श्रेणियों के करदाताओं को 12,500 रूपए की कर छूट दी जाएगी।
(3).50 लाख से 01 करोड़ रूपए कमाने वालों पर 10 फ़ीसद अधिभार लगाया जाएगा, ये आयकर में हुई 15,000 करोड़ के घाटे की क्षतिपूर्ति के तौर पर किया गया है जो कि कम की गई कर दरों के कारण हुआ था।
(4).वे करदाता जो 2.5 लाख से 5 लाख रूपए कमाते हैं उनके लिए आयकर दर 10 फ़ीसद से 5 फ़ीसद कर दी गई है।
(5).14 लाख पंजीकृत कम्पनियों में से मात्र 5.97 कम्पनियों ने पिछले वर्ष कर विवरणी दायर की।
(6). 76 लाख वैयक्तिक करदाता जिनकी आय 5 लाख थी, उनमें से मात्र 56 लाख करदाता ही वेतनभोगी कर्मचारी थे।
(7).सिर्फ़ 1.72 लाख करदाताओं ने सालाना 50 लाख रूपए से अधिक की आय घोषित की है।
(8).जो लोग भूमि के मालिक होंगे उन्हें पूंजीगत लाभ कर की छूट दी जाएगी
यूनियन बजट 2017: युवा और रक्षा क्षेत्र के लिए
A.वार्षिक ज्ञानवृद्धि के परिणामों को मापने की एक प्रणाली लागू की जाएगी और माध्यमिक शिक्षा के नवीनीकरण के लिए फ़ंड जारी किया जाएगा।
B.शैक्षिक तौर पर 3,479 पिछड़े वर्गों पर ध्यान दिया जाएगा।
C.कॉलेजों को मान्यता के आधार पर पहचाना जाएगा।
स्किल इंडिया मिशन को क्षमताओं में वृद्धि करने के उद्देश्य से लागू किया गया था। इसी के साथ देशभर में 100 भारत-अंतर्राष्ट्रीय केंद्र खोले जाएंगे।
D. विदेशी भाषाओं में कोर्सेस लागू किए जाएंगे।
E. सालाना 5000 PG सीट बनाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
F.इसी के साथ रक्षा क्षेत्र को 2.74,114 करोड़ रूपए आवंटित किए जाते हैं।
यूनियन बजट 2017: नोटबंदी
नोटबंदी से आर्थिक व्यवस्था पर क्षणिक प्रभाव पड़ा है।
इसका अर्थ व्यवस्था और आमजन के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा।
नोटबंदी एक साहसिक और निर्णयात्मक कदम है जिससे GDP में बढ़ोतरी होगी।
नोटबंदी के प्रभाव अगले चालू वित्तीय वर्ष पर नहीं पड़ेंगे।
यूनियन बजट 2017: ग्रामीण जनसंख्या
मिशन अंत्योदय 1 करोड़ ग़रीब घरों को लाएगा।
MNREGA: 48,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं, इसमें महिलाओं की भागीदारी का अनुपात 55 फ़ीसद हुआ है, इसमें स्पेस तकनीक का बड़े पैमाने पर प्रयोग किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना: 19,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए, राज्यों के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2018 में 27,000 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना: 23,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए।
मई 2018 तक 100 फ़ीसद ग्राम विद्दुतीकरण किया जाएगा।
ग्रामीण आजीविका अभियान: 4,500 करोड़ रूपए आवंटित किए गए।
5 लाख लोगों को मकान बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पंचायत राज: मानव संसाधन सुधार कार्यक्रम प्रारंभ किया जाएगा।
ग्रामीण योजना को 1,87,223 करोड़ रूपए आवंटित किए गए।
- यूनियन बजट 2017: ग़रीब और कुपोषितों के लिए
महिला शक्ति केंद्रों के लिए 200 करोड़ रूपए आवंटित किए गए।
गर्भवती महिलाओं के लिए राष्ट्रव्यापी स्कीम के तहत् प्रत्येक व्यक्ति को 6000 रूपए दिए जाएंगे।
महिलाओं व बच्चों के लिए कुल 1,84,632 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।
सस्ते घरों को आधारिक संरचना की मान्यता दी जाएगी।
अधिशेष चलन को ध्यान में रखते हुए, बैंकों ने घरों के लिए उधार दर कम करना शुरू कर दिया है।
यक्ष्मा (ट्यूबरक्यूलॉसिस) का 2025 तक ख़ात्मा किया जाएगा।
5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों में बदला जाएगा।
झारखंड और गुजरात में दो AIIMS खोले जाएंगे।
चिकित्सा शिक्षा के लिए नियामक ढांचों के संरचनात्मक परिवर्तन का कार्य किया जाएगा।
अनुसूचित जाति के लिए 52,393 करोड़ रूपए आवंटित किए जाएंगे।
स्वास्थ्य के नियंत्रण के लिए वरिष्ठ नागरिकों को आधार कार्ड के स्मार्ट कार्ड्स दिए जाएंगे।
यूनियन बजट 2017: रेलवे और संरचना
रेलवे के लिए कुल पूंजीगत खर्च और विकास व्यय में 1.31 खरब रूपए व्यय होने का अनुमान है।
रेलवे: यात्री सुरक्षा निधि कोष की स्थापना की जाएगी, मानव रहित समपारों को 2020 तक समाप्त किया जाएगा।
500 किलोमीटर की रेलवे लाइनें चालू की जाएंगी।
पर्यटन/ तीर्थ के लिए समर्पित ट्रेनों को शुरू किया जाएगा।
500 स्टेशन ऐसे बनाए जाएंगे जो दिव्यांगों द्वारा भी प्रयोग किए जा सकेंगे।
रेलवे में सफ़ाई: 2019 तक कोच मित्र सुविधा लागू की जाएगी और सभी कोचेस के लिए जैव शौचालय बनवाए जाएंगे।
रेलवे, प्रतियोगी टिकट बुकिंग की सुविधा को लागू करने जा रहा है, IRCTC के ज़रिए टिकट की बुकिंग पर सेवा शुल्क माफ़ किया गया है।
नई मेट्रो रेल नीति की जल्द ही घोषणा की जाएगी।
सड़क क्षेत्र: राष्ट्रीय मार्गों के लिए 64,000 करोड़ रूपएl
आवंटित किए गए हैं।
भारत सरकार अधिनियम विमानपत्तन प्राधिकरण को भूमि संसाधनों का मुद्रीकरण सक्षम करने के लिए संशोधित किया जाएगा।
परिवहन क्षेत्र के लिए 2 खरब रूपए आवंटित किए गए हैं।
दूरसंचार क्षेत्र: भारत नेट कार्यक्रम के लिए 10,000 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है।
Digi-gau पहल शुरू की जाएगी।
भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए वैश्विक गढ़ बनाया जाएगा।
निर्यात इंफ़्रा: नई पुनर्गठित केंद्रीय योजना शुरू की जाएगी।
आधारिक संरचना के लिए कुल 3.96 खरब रूपए आवंटित किए गए हैं।
यूनियन बजट 2017: वित्तीय और ऊर्जा क्षेत्र
विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड को समाप्त कर दिया गया है क्योंकि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए आगे उदारीकरण कदम पेश किए जाएंगे।
देशभर में उभरते अवैध जमा योजनाओं और चिट फ़ंड को समाप्त करने के लिए नए विधेयकों को पेश किया जाएगा।
एक विशिष्ट आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम का गठन किया जाएगा जो कि साइबर क्राइम के साथ-साथ बैंक जैसे वित्तीय संगठनों में होने वाले अपराध पर नज़र रखेगी।
IRCTC, IRCON और IRFC (भारतीय रेलवे के भाग) के IPO प्रस्तावित किए गए हैं।
इंद्रधनुष योजना के तहत् सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 10,000 करोड़ रूपए दिए गए हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक में एक अतिरिक्त आय नियंत्रक इकाई की स्थापना की जाएगी ताकि सभी डिजिटल पेमेंट को नियंत्रित किया जा सके जिससे पेमेंट और समझौता व्यवस्था पर नियंत्रण और पर्यवेक्षण हटाया जा सके।
11 लाख करोड़ रूपए राज्य और UT प्रशासन को स्थानांतरित किए जाएंगे।
कच्चे माल के भंडार के लिए सामरिक नीति तैयार की जाएगी।
ऊर्जा उत्पादन आधारित निवेशों से 1.26,000 करोड़ रूपए प्राप्त किए गए हैं।
2017-18 सत्र में व्यापार इंफ़्रा निर्यात स्कीम लागू की जाएगी।
यूनियन बजट 2017: चालू वित्तीय वर्ष व्यवस्था
इसका कुल बजट: 21 खरब रूपए
विभिन्न बजट उद्घोषणाओं को पूरा करने के लिए 3,000 करोड़ रूपए आवंटित किए गए।
पेंशन को अलग करके कुल रक्षा व्यय:74 खरब रूपए।
सभी गठित मंत्रालयों के लिए संयुक्त परिणाम बजट।
वित्तीय वर्ष 2018 के लिए चालू वित्त वर्ष में घाटे का अनुमान GDP का 3.2 फ़ीसद लगाया गया है।
वित्तीय वर्ष 2018 के लिए राजस्व घाटा 1.9 फ़ीसद का है।
यूनियन बजट 2017: डिजिटल अर्थव्यवस्था
भारत एक व्यापक डिजिटल आंदोलन के दंतशिखर पर है।
सरकार BHIM एप को बढ़ावा देते हुए दो नई स्कीम जारी करेगी साथ ही व्यापारियों के लिए कैशबैक स्कीम भी पेश की जाएगी।
जिन लोगों के पास मोबाइल फ़ोन नहीं हैं उनके लिए आधार पे की सुविधा पेश की जाएगी।
ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों पर ध्यान दिया जाएगा।
वित्तीय समावेश फ़ंड को सुदृढ़ करना होगा।
डिजिटल पेमेंट पर पैनेल ने संरचनात्मक सुधार की अनुशंसा की है।
RBI में पेमेंट नियंत्रण बोर्ड की स्थापना करेंगे।
यूनियन बजट 2017: किसानों के लिए
किसानों के लिए उधार, 10 खरब की रिकॉर्ड तोड़ सीमा पर रखा गया है साथ ही, नाहक इलाकों में इन पैसों का उचित प्रवाह सुनिश्चित किया जाएगा।
सॉयल हेल्थ कार्ड्स: कृषि विज्ञान केंद्रों में सरकार छोटी प्रयोगशालाओं की स्थापना करेगी।
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कोष में लंबे समय के लिए 40,000 करोड़ रूपए का फ़ंड दिया गया है।
अनुबंध कृषि में मॉडल लॉ को भी परिचालित किया जाएगा।
डेरी प्रौद्दोगिकी के इंफ़्रा फंड में 8,000 करोड़ का कोष जमा किया गया है।
समर्पित सूक्ष्म सिंचाई फंड के लिए 5,000 करोड़ के कोष का आवंटन किया गया है।
ऐसा कहा जाता है कि" जब मेरा लक्ष्य मेरे सामने होता है तो हवाएं मेरे साथ बहती हैं और मैं उड़ने लगता हूं। इससे ज़्यादा उपयुक्त दिन कोई और नहीं हो सकता, ये सालाना यूनियन बजट 2017 पेश करने के बाद वित्त मंत्री अरूण जेटली के अंतिम word the"
बजट के विषय में रोचक बातें-
बजट नंबरों का खेल है और किस सेक्शन को कितना मिलता है, इसका। लेकिन बजट में इससे भी कुछ ज़्यादा है। यहां बजट की कुछ रोचक बातें बताई जा रही हैं जो कि हम सबको पता होनी चाहिए:
(1). बजट शब्द मध्य अंग्रेज़ी शब्द “bowgette” से बना है, जो कि “bougette” शब्द से आया है जिसका मतलब फ़्रेंच में चमड़े का बैग होता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के अनुसार, यूनियन बजट, अनुमानित प्राप्तियों और उस विशेष वर्ष के लिए सरकार के खर्च का एक बयान है।
(2). बजट का सिद्धांत भारत में 07 अप्रैल 1860 को लागू किया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कम्पनी ने लागू किया था।
जेम्स विल्सन, इंडियन काउंसिल के वित्तीय सदस्य ने भारतीय वायसराय को सलाह दी थी और पहली बार बजट पेश किया था।
(3). स्वतंत्र भारत के प्रथम वित्त मंत्री आर. के. शंमुखम चेट्टी ने 26 नवंबर 1947 को पहला बजट पेश किया था। बह बजट सिर्फ़ साढ़े सात महीने – 15 अगस्त 1947 से 31 मार्च 1948 तक चला।
(4). बजट के लिए दस्तावेजों का मुद्रण एक परंपरा से शुरू हुआ – उत्तरी ब्लॉक ऑफ़िस में “बजट हलवा” उत्सव से। इस उत्सव के दौरान वित्त मंत्री और वरिष्ट अधिकारी उपस्थित रहते हैं।
(5). बजट का कार्य पूर्ण रूप से रहस्यात्मक होता है। बजट दस्तावेजों का पूरा लेखन कुछ चुने गए अधिकारियों और स्टेनोग्राफ़र द्वारा ही किया जाता है। वे उन कम्प्यूटरों पर काम करते हैं, जो कि अन्य नेटवर्क की पहुंच से दूर होते हैं और जिन पर पैनी नज़र रखी जाती है।
(6). बजट पर काम करने वाला पूरा स्टाफ़, लगभग 100 के आसपास का, उत्तरी ब्लॉक में दो से तीन हफ़्तों के लिए रहता है। वे अपने परिवार के साथ-साथ बाहरी दुनिया से पूर्ण रूप से कटे होते हैं। उन्हें सिर्फ़ एक फ़ोन दिया जाता है जिस पर उन्हें कॉल्स उठानी होती हैं।
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